अमेरिका अपनी लाख चुनौतियों के बावजूद आज भी दुनिया में खेल के नियम तय करता है. पहले सोवियत यूनियन और अब चीन से उसे भले टक्कर मिल रही है लेकिन उसका प्रभुत्व कायम है. भारत के लिए इनमें से अपना साथी चुनना अहम इसलिए बन गया है क्योंकि उसे दुनिया में अपनी जगह कायम करनी है और पड़ोसी पाकिस्तान-चीन का सामना करना है. आज की बैठकी में नितिन ठाकुर के साथ अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मुक्तदर खान ने डिप्लोमेसी की पहेलियों को सुलझाने में मदद की. इतिहास नहीं बल्कि भविष्य पर भी बहुत कुछ कहा. इसमें चीन, पाकिस्तान, सोवियत यूनियन, टकराव, दोस्ती, मजबूरी, मरज़ी सब कुछ है.
इस पॉडकास्ट में सुनिए:
-USA क्यों दुनिया का नेता बना हुआ है?
-1947 से पहले हमारे संबंध USA से कैसे थे?
-क्या चीन के डर से USA को भारत का साथ देना होगा?
-USA से हमारे संबंध कब बिगड़े और कैसे सुधरे?
-USA ने लोकतंत्र के लिए जंग लड़ीं तो भारत ने कभी साथ दिया?
-अफगानिस्तान में भारत को क्या करना चाहिए था?
-क्या USA भारत को UN की स्थायी सदस्यता दिलाएगा?
-पाक से बाइडेन दूर हैं लेकिन क्या भारत के निकट हैं?
-अमेरिका से UPA ने बेहतर डील किया या NDA ने?
-कौन सा अमेरिकी प्रेसिडेंट भारत के लिए बेहतर रहा?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी हैं. आज तक रेडियो इसका अनुमोदन नहीं करता.
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