जितना पुराना इंसान है शायद उतने ही पुराने खेल. हर देश, हर समाज, हर काल में खेले जाते रहे. रोम में ग्लैडिएटर्स भी खेलते थे, महाभारत में कौरव-पांडव भी. आज के 'पढ़ाकू नितिन' में नितिन ठाकुर ने बात की है अमिताभ सत्यम और संगीता गोस्वामी से खेलों के ही बारे में. ऐसे विशुद्ध देसी खेल जो धीरे धीरे खोते चले जा रहे हैं.
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