बागपत के सनौली में चार हज़ार साल पुराना एक कब्रिस्तान मिला. खुदाई हुई तो तलवारों, ढालों, भालों, गहनों का अंबार लग गया. फिर मिले तीन रथ. पुरुषों के साथ महिलाओं की पांव कटे कंकाल. 2005 और 2018 की खुदाई में पुरातत्व विभाग ने यहां से जो कुछ हासिल किया उसने दुनिया में बहस छेड़ दी. इतिहास के जानकार टकराने लगे. नए जवाबों और नए सवालों ने संभावना पैदा कर दी है कि शायद तारीख फिर से लिखी जाएगी. ढेर सारी जिज्ञासा के साथ इस बार ‘पढ़ाकू नितिन’ में नितिन ठाकुर ने बैठकी जमाई सनौली की खुदाई करनेवाले ASI के जॉइंट डायरेक्टर जनरल डॉ संजय मंजुल के संग.
इस पॉडकास्ट में सुनिए:
- सनौली के रथों में ऐसा क्या है जिसने इतिहास को चुनौती दी?
- खुदाई में मिली तलवारों ने किस पुराने सवाल का जवाब दिया?
- क्या सनौली में दफन लोग भारत के बाहर से आए थे?
- सनौली में मरघट मिला लेकिन क्या अब शहर मिलनेवाला है?
- सनौली में मिले महिलाओं के शव में क्या रहस्यमयी बात है?
- क्या आर्यों के भारत पर आक्रमण की थ्योरी में कोई दरार है?
- भारत में घोड़े आर्यों से पहले मौजूद थे इसके सबूत क्या हैं?
- सनौली की सभ्यता का संबंध महाभारत काल से है?
- क्या सिंधु घाटी सभ्यता से सनौली की सभ्यता का संपर्क था?
- हड़प्पा सभ्यता की खुदाई में हथियार क्यों नहीं पाए गए?
- सनौली पर विदेशी विद्वान क्या राय रखते हैं?
- समुद्र के नीचे छिपी द्वारका पर क्या स्टडी हो रही है?
जिनका ज़िक्र इस बातचीत में आया:
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