मध्यकालीन युग में ‘नाइट’ यानि ‘योद्धा’ की उपाधि मिलना बहुत सम्मानजनक माना जाता था. मगर इस टाइटल को प्राप्त करना इतना आसान नहीं होता था. योद्धा की उपाधि के लिए संघर्ष छोटी-सी उम्र से ही शुरू हो जाता था. तो ज्ञान-ध्यान के इस एपिसोड में अमन गुप्ता के साथ सुनिए कैसे और किन चरणों को पार करके कोई कहलाता था योद्धा.