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अनूठे तकियाकलाम, कौओं से मुहब्बत और सबसे अच्छे विज्ञापन: तीन ताल, Ep 36

अनूठे तकियाकलाम, कौओं से मुहब्बत और सबसे अच्छे विज्ञापन: तीन ताल, Ep 36

तीन ताल के 36वें एपिसोड में कमलेश ‘ताऊ’, पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार’ से सुनिए :

लोगों के अनूठे तकियाकलाम. बेर सराय के ताऊ की यादें. तकिया कलाम की मनगढ़ंत परिभाषा. चुनाचे और अगरचे का मतलब.

कौओं पर आई एक स्टडी के बहाने कौआ महात्म्य की बात. कौओं की कहानियाँ. कौओं से जुड़े पूर्वाग्रह.

फुटबॉलर रोनाल्डो के कोका कोला की बोतल हटाने के बहाने विज्ञापनों की माया पर बात. विज्ञापनों के असर और बेअसर होने को चर्चा. ताऊ और बाबा की स्मृति में दर्ज कुछ देसी विज्ञापन.

तमिलनाडु में गैर ब्राह्मणों को पुजारी बनाये जाने की चर्चा के बहाने बात प्रतिरोध की. कितना प्रतिरोध, किसे नसीब! इसके चरमोत्कर्ष की चाह कितनी सही?

ताऊ ने क्यों कहा सामाजिक न्याय धर्म की विदाई के बिना सम्भव नहीं?

अनजान गाँव में चले गए हों तो दिशाज्ञान कैसे करें. और तमिलनाडु सरकार का क्रांतिकारी लगने वाले फ़ैसले से आगे की बात.


और, आख़िर में न्योता वाले श्रोता में लिसनर पंकज की चिट्ठी जिन्हें तीन ताल का ऑडिटर जनरल घोषित किया गया. ताऊ के आस्तिक से नास्तिक हो जाने की यात्रा.

 

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