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रूसी दादागिरी का नतीजा, फ़रवरी का इकलौता फ़ायदा और श्रीवल्ली का चार्म : तीन ताल, Ep 72

रूसी दादागिरी का नतीजा, फ़रवरी का इकलौता फ़ायदा और श्रीवल्ली का चार्म : तीन ताल, Ep 72

तीन ताल के 72वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

-बाबा के कौन से नए राज़ उद्घाटित हुए. फ़रवरी का एकमात्र फ़ायदा क्या? क्यों बाबा को 28 का अंक पसंद. 

-रूस-यूक्रेन युद्ध पर विस्तार से बात. युद्ध को कैसे समझें? पुतिन किस धुन में.

-दुनिया में कितने SHO होने चाहिए? रूस और अमेरिका की कोतवाली में अंतर. अमेरिका की दादागिरी का नुकसान कितना और किसे हुआ. 

-ताऊ ने क्यों पेट काटकर अपनी सुरक्षा करने की वक़ालत की. यूएन नाम की एक संस्था का नाम सुन क्यों ताऊ हंसने लगे.

-रूस पर लग रहे सैंक्शन में कौन सा झोल. बाबा ने क्यों प्रोपेगैंडा को युद्ध का सबसे महत्वपूर्ण टूल बताया. 

-भारत ने रूस से क्या लिया और उसको क्या दिया? 
भारत के अमेरिका के 'गोद' में बैठने पर बाबा को क्यों याद आए 'गोबरा के चोथ'. इमरान खान को मास्को बुलाकर रूस ने क्यों किया यूक्रेन पर हमला.

- क्या यूक्रेन रूस युद्ध तीसरा विश्व युद्ध को जन्म दे सकता है? ताऊ ने क्यों कहा कि दुनिया को पुतिन से उनकी हरकत की क़ीमत वसूलनी चाहिए.

-सरकारी नौकरी की उत्कंठा में सर सुजाकर और बालों में क्लिप लगा ख़ुद को लम्बा दिखाने वाले अभ्यर्थियों की बात. ताऊ, बाबा और सरदार ने लम्बे, मोटे दिखने के लिए कौन से करतब किये.

-और आख़िर में तीन तालियों की मज़ेदार और सारगर्भित चिट्ठियों के बहाने महाराष्ट्र के पोहे, यात्रा के आनन्द, पुष्पा और उसके फैन्स पर बतरस.

प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ अमृत रेगी

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